Thursday, 16 November 2017

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सोते समय आप इन स्तिथयों से गुज़रते हैं- जानिए


रात के समय हम सबको शान्ति और आराम से सोना बहुत लुभाता है| लेकिन एक ऐसे इंसान को ढूंढ़ना काफ़ी मुश्किल है जिसने सोते समय कभी भी अनोखी घटनाएं या उत्तेजित भावनाओं को महसूस ना किया हो|
आइये हम आपको ऐसे कुछ अनुभव के बारे में बताते हैं जिसे आप नींद में महसूस करते हैं और उसके कारण:

स्लीप पैरालिसिस 

कैसा महसूस होता है- स्लीप पैरालिसिस में आप बीच रात में उठते हैं और खुदको हिलता डुलता नहीं पाते हैं| इसके साथ आपको अपने कमरे में अनदेखी चीज़ें दिखती हैं और ऐसा महसूस होता है की आपके बगल में कोई और भी है| 


ऐसा क्यों होता है- सामान्य रूप से जब हम सोते हैं तो हम पैरलाइज़ हो जाते हैं ताकि हम नींद में चल ना पाएं या ऐसी कुछ हरकत ना कर पाएं जिससे खुदको नुक्सान पहुँचे| जब स्लीप पैरालिसिस होता है तो हमारी मांस पेशियाँ काम करना बंद कर देती हैं लेकिन हमारा दिमाग जगा रहता है|

हाईपनागोजिक हैल्लूसिनेशन

कैसा महसूस होता है- जब आपको नींद आने वाली होती है लेकिन फीर भी आप जगे रहते हैं और तब आपको अपनी आँखों के सामने अजीब तस्वीरें दिखती हैं, ज़्यादातर वो तस्वीरें दरवानी शकल और बहुत परेतों की होती है| 


ऐसा क्यों होता है- ये एक ऐसा हैल्लूसिनेशन है जो अच्छे खासे तंदुरुस्त दिमाग के लोगों के साथ भी हो सकता है| ऐसा हैल्लूसिनेशनबच्चों के साथ ज़्यादा होता है और इसी कारण वो सोना नहीं चाहते| ऐसे हैल्लूसिनेशन तनाव के कारण या सरल कल्पना की वजह से होते हैं|

नींद में बातें करना

कैसा महसूस होता है- आमतौर पर जो शक़्स इससे गुज़रते हैं उन्हें मालूम ही नहीं होता की उनके साथ ऐसा कुछ हो रहा है| नींद में बातें करना बिलकुल भी खतरनाक नहीं है लेकिन जो लोग नींद में बातें करते हैं उन्हें इस बात से सावधान रहना होगा की कहीं वो इस बीच अपने राज़ ना खोल दें| 


ऐसा क्यों होता है- नींद में बोलने की बीमारी मर्दों और बच्चों को ज़्यादा होती है और इसकी वजह तनाव हो सकता है| मनुष्य की रूह उससे वो कहलाती है जिस बात से वो मनुष्य राज़ी नहीं होता|

नींद में चलना

कैसा महसूस होता है- नींद में चलना स्लीप पैरालिसिस का बिलकुल उल्टा है- इसमें आपका दिमाग सोया हुआ होता है लेकिन मांसपेशियां काम करती हैं| अपनी नींद में लोग चल सकते हैं, सफाई कर सकते हैं और यहाँ तक की अपने घर से बाहर भी जा सकते हैं जो की खतरे से कम नहीं है| सुबह होने के बाद उन्हें कुछ याद नहीं होता की उनके साथ रात में क्या हुआ था| 


ऐसा क्यों होता है- नींद में चलने की बीमारी क़रीबन 4.6-10.3% लोगों को होती है जिसमें बच्चों को अधिक नुक्सान होता है| नींद में चलने की वजह और ना ही उसका इलाज अब तक नहीं जाना गया है|

स्लीप एपनिया

कैसा महसूस होता है- स्लीप एपनिया में आप अपने सपने में अचानक सांस लेना बंद क्र देते हैं और इसी कारण आपकी नींद खुल जाती है| इस कारण आप ठीक से सो नहीं पाते और आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती, आपके दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और उठने के बाद दोबारा सोना बहुत मुश्किल हो जाता है| 


ऐसा क्यों होता है- सोते समय आपकी फैरिंक्स की मांसपेशियां आराम करती हैं और जिसके कारण सोते समय आपकी नाक कभी कभार बंद हो जाती है| मोटापा, स्मोक करना और बुढ़ापा स्लीप एपनिया के खतरे को बढ़ा सकता है|

बिस्तर पर गिरने का अनुभव

कैसा महसूस होता है- सोते समय कभी कभार आपको महसूस होता होगा की आपको ऊंचाई से बिस्तर पर फेका जा रहा है और इस कारण आओ डर जाते हैं और आपकी नींद खुल जाती है| ये अनुभव महसूस करने से पहले आपको ऐसे सपने आते हैं की आप हवा में उड़ रहे हैं या किसी चीज़ से टकरा कर गिर रहे हैं- बहुत ही गन्दा अनुभव होता है| 


ऐसा क्यों होता है- सोना मरने के सामान होता है- आपके दिल की धड़कन और सांस धीमी हो जाती है, मांसपेशियां काम करना बंद क्र देती हैं| इन सब बातों से आपका दिमाग डर जाता है, उसे लगता है की आपकी मृत्यु होगयी है और ये चेक करने के लिए की आप जीवित हैं या नहीं आपकी हरकतों की जांच करता है|

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