Monday, 6 November 2017

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गर्भावस्था के दौरान इन गलतियों से बचें


गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है। यह एक अनमोल अहसास तो होता ही है परन्तु एक महिला के लिए यह एक मुश्किल वक़्त भी होता है। कभी-कभी महिला अपने अंदर होने वाले बदलावों को समझ नहीं पाती खासकर जो महिला पहली बार गर्भवती होने का अनुभव कर रही हैं और इसी असमंजस में वो कुछ गलतियां कर बैठती हैं जो माँ और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो जाता है।

प्रेगनेंसी के शुरूआती महीनों में सबको बताना


किसी भी महिला के लिए प्रेगनेंसी के शुरुआती कुछ महीने बहुत ही महत्वपूर्ण और रिस्की होते है, ये वो वक़्त होता है जब माँ को अपने अंदर पल रहे बच्चे की धड़कन तक नहीं सुनाई देती इसलिए ये समय काफी रिस्की होता है। आज के इस सोशल मीडिया के दौर में कोई भी खबर लोग अपने अपनों तक पहुंचा सकते है और इसी वक़्त कुछ महिलाएं उत्साहित होकर अपने प्रेगनेंसी की बात सोशल मीडिया में पोस्ट कर देती हैं या सबको बता देती हैं जो की नहीं करनी चाहिए। प्रेगनेंसी के शुरूआती महीनों तक होने वाले माता-पिता को घर में आने वाले नन्हे मेहमान की बात को ज़्यादा लोगो तक नहीं फैलानी चाहिए।

बिना सलाह के दवाई लेना


प्रेगनेंसी के दौरान अगर महिला को सरदर्द या बुखार या कुछ अलग स्वास्थ संबंधी परेशानी हो तो उन्हें कभी खुद से उपचार या बिना डॉक्टर से परामर्श लिए दवा नहीं लेनी चाहिए। और अगर महिला ऐसा कुछ करती हैं तो ये उनके और उनके बच्चे दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।

कलर या मेकअप का इस्तेमाल करना


प्रेगनेंसी के दौरान बालों को कलर करना या ज़्यादा मेकअप करना भी एक गर्भवती महिला और उनके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। हेयर डाई में और मेकअप में कुछ खतरनाक रसायन तत्व होते हैं जो आपके और आपके बच्चे के लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए नेचुरल चीज़ों का इस्तेमाल करें और कम से कम मेकअप का प्रयोग करें।

ज़रूरत से ज़्यादा खाना


प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को लगता है की उनको दो लोगों का खाना खाना चाहिए, परन्तु ये सच नहीं है। आपको डेली 1800 से 2000 कैलोरीज की आवश्यकता होती है, और अगर बच्चे की आवश्यकता जोड़ें तो 250-300 कैलोरीज की और ज़रुरत होती है। परन्तु, महिलाएं उत्साहित होकर ज़्यादा खाने लगती हैं उन्हें लगता है की वो ज़्यादा खाएंगी तो उनके बच्चे को भी ज़्यादा पोषण मिलेगा लेकिन ये सच नहीं है। ज़रूरत से ज़्यादा खा लेने से आपका वज़न ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ सकता है और इसी कारण से आपको प्रसव में भी असुविधा हो सकती है। एक बार में ज़्यादा खाने के बजाय आप पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा खाएं।

ज़रूरत से कम भी खाना


प्रेगनेंसी के वक़्त बहुत सी महिलाओं को खाने की इच्छा नहीं होती है इसी कारण वह खाना मिस करने लगतीं हैं जिससे उनके और बच्चे दोनों के सेहत पर काफी असर होता है। इसलिए गर्भावस्था के वक़्त खाना बिलकुल खासकर नाश्ता सुबह का नाश्ता बिलकुल न छोड़ें और हो सके तो पूरे दिन में थोड़ा बहुत हल्के-फुल्के हेल्थी स्नैक्स को अपने डेली रूटीन में ज़रूर ऐड करें।

ज़रूरत से ज़्यादा सोचना और तनाव में रहना


ज़रूरत से ज़्यादा अपने प्रेगनेंसी के बारे में सोचना या उसके बारे में इंटरनेट पर सर्च करना भी तनाव का कारण बन सकता है। खासकर जो महिलायें पहली बार माँ बनती हैं वो ज़्यादा तनाव में रहती हैं। बार-बार नॉर्मल डिलीवरी से होने वाले पेन के बारे में सोचना महिला के तनाव व घबराहट का कारण होता है। और माँ को घबराहट या टेंशन होने से इसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है।

नॉर्मल डिलीवरी के बजाय सी-सेक्शन का फैसला लेना


बार-बार नार्मल डिलीवरी के बारे में पढ़ना, सोचना या बातें करना एक माँ के लिए घबराहट का कारण बन सकता है और इसी डर में आकर महिला सी-सेक्शन का फैसला ले लेती है। और आजकल कई हॉस्पिटल्स भी इसका फायदा उठाते हैं और ज़्यादा पैसे के चक्कर में वो महिलाओं को सी-सेक्शन की राय देते हैं । जबकि नॉर्मल डिलीवरी में बस कुछ वक़्त का दर्द होता है परन्तु आगे चलकर कोई साइड एफेक्ट नहीं होता वहीं सी-सेक्शन के दौरान कमर में दिए जाने वाले इंजेक्शन का साइड एफेक्ट महिला को ज़िन्दगी भर झेलना पड़ता।

व्यायाम न करना या ज़्यादा आराम करना


कभी-कभी कुछ महिलाएं गर्भावस्था के दौरान कुछ ज़्यादा ही सावधानी और सतर्कता से काम करती हैं। यह अच्छी बात है की वो इतना सावधानी बर्तती है पर किसी भी चीज़ का अति होना भी सही नहीं है। इसलिए अगर आप सोचतीं हैं की आप ज़्यादा आराम करेंगे तो आपके और आपके शिशु के लिए सही होगा तो यह पूरी तरह भी सच नहीं है। क्यूंकि गर्भावस्था के वक़्त हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करना भी ज़रूरी होती है जिससे आपके शिशु का ग्रोथ सही से हो। ज़्यादा आराम करने से भी आपके बच्चे के ग्रोथ पर असर होगा।

पूरी तरह नींद न लेना


बहुत बार देखा गया है की वर्किंग वुमन ऑफिस और घर के बीच तालमेल बैठाने के चक्कर में अपने स्वास्थ के साथ समझौता कर लेतीं हैं। और वर्किंग वुमन अगर प्रेग्नेंट हैं तो उसको पूरी आराम और सही नींद की ज़रूरत होती है। प्रेगनेंसी के वक़्त शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं और अगर आप सही से नींद नहीं पूरी करेंगी तो आपका शरीर फिट नहीं महसूस करेगा जिसका सीधा असर आपके गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ेगा। इसलिए अपने नींद के साथ बिलकुल कोम्प्रोमाईज़ न करें।

पसंदीदा चीज़ों को खाना छोड़ देना


हमेशा याद रखें आप गर्भवती हैं, बीमार नहीं। इसलिए आप अपने खाने के साथ इतना भी अनुशाशन न करें की आपको स्ट्रेस हो जाये। यह सच है की गर्भावस्था के वक़्त आप अपने खाने को सावधानी से चुने पर इसका मतलब यह नहीं की आप अपनी क्रेविंग्स व खाने के इच्छा को दबा दें। गर्भावस्था के वक़्त क्रेविंग होना आम बात है इसलिए अपनी पसंदीदा चीज़ों को खाएं पर अपने खाने के मात्रा का ध्यान ज़रूर रखें।

डॉक्टर से कंसल्ट बहुत जल्दी या बहुत देर से करना


प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर से कंसल्ट करना भी बहुत ही ज़्यादा आवयशयक होता है पर इसका मतलब यह नहीं की आप थोड़ा कुछ होने पर ही डॉक्टर के यहां दौड़ जाएं। इसलिए कोई भी बड़ा अहम् फैसला लेने से पहले थोड़ा सोच लें क्यूंकि प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में काफी बदलाव होते हैं और उसी वजह से आप कुछ असहजता महसूस कर सकती हैं। इसलिए तुरंत में कोई फैसला न लें। इसका मतलब यह भी नहीं की आप अपने में हो रहे कुछ बातों को नज़रअंदाज़ करें इसलिए डॉक्टर के पास रूटीन चेकअप के लिए अवशय जाएँ और अगर आप अपने में कुछ असामन्य महसूस करें तो डॉक्टर से कंसल्ट करने में देरी न करें।

बेबी के साथ बॉन्ड न बनाना


प्रेगनेंसी के वक़्त महिला बहुत ज़्यादा अनकम्फर्टेबले हो जाती हैं और थका हुआ महसूस करती हैं और यही कारण है वो अपने पेट पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। और वो तभी ध्यान देती है जब गर्भ में पल रहा शिशु कोई हरकत करता है। पर यह सही नहीं है माँ को अपने पेट पर हाथ फेरकर अपने शिशु से बात करना चाहिए क्यूंकि आपका शिशु आपके स्पर्श को समझता है और ऐसा करने से आपके और आपके बच्चे के बीच का रिलेशन और गहरा होता है।

यह थे कुछ महत्वपूर्ण बातें जिनका ख़याल आपको प्रेगनेंसी के दौरान रखना चाहिए और ज़्यादा से ज़्यादा कोशिश करें की इन गलतियों को आप न करें। आपको बस खुश रहना है और तनावमुक्त होकर अपना ख्याल रखना है क्यूंकि यह वक़्त और यह एहसास बहुत अलग होता है इसलिए सबकुछ भूलकर आप बस इस सुखद अनुभव को ज़्यादा से ज़्यादा एन्जॉय करें।

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