एक महिला को सबसे अधिक डर तब लगता है जब वो माँ बनने वाली होती है, उन्हें पहली बार अपने बच्चे को हाथ में लेने से लेकर बच्चे की शकल किसपर जाएगी तक की घबराहट रहती है| माओं से हम विनती करते हैं की अपने बच्चे की शक़्ल को अपने पिता पर जाते देख परेशान ना हों:
हालांकि बच्चे अपने दोनों माता-पिता से एक जैसी मात्रा में जेनेटिक म्युटेशन पाते हैं लेकिन उनमें उनके पिता का DNA अधिक मात्रा में शामिल होता है और इसी कारण बच्चे अपनी माँ से ज़्यादा अपने पिता की तरह दीखते हैं|
बच्चे इन जेनेटिक म्युटेशन के कारण जो हैं बड़े होकर वैसे ही बनते हैं| ये समझना की बच्चे की बीमारी उसके माता या पिता पे निर्धारित रहती है कहना मुश्किल है, इसका मतलब ये है की अगर बच्चे की बीमारी उसके माँ की जीन के कारण है तो वो बीमारी उतनी कठोर नहीं होगी जितनी की वो पिता के जीन से होती|
नार्थ कैरोलिना स्कूल ऑफ़ मेडिसिन के प्रोफ़ेसर फरनांडो पार्डो-मैनुएल डी विल्लेना ने एक रिसर्च से साबित किया की अपनी माँ से ज़्यादा अधिकतर मैमल में अपने पिता के जेनेटिक पनपते हैं|
हमें पता है की दुनिया में लगभग 95 तरह के जीन्स होते हैं जिनमें यही पैरेंट-ऑफ़-ओरिजिन की गड़बड़ी आती है| ऐसे जीन्स को इम्प्रिंटेड जैनस कहते हैं और कई सारी बीमारियों को उत्साहित करने में इनका हाथ होता है और ये बात इसपर तय होती है की वो जेनेटिक म्युटेशन माँ से आयी है या पिता से| ये जेनेटिक म्युटेशन बच्चों में उनके माता पिता के द्वारा आते हैं जिनके कारण बच्चों में कई सामान्य लेकिन जटिल बीमारियां पायी जाती हैं जैसे टाइप 2 डायबिटीज़, दिल की बीमारी, स्किज़ोफ्रेनिआ(schizophrenia), मोटापा और कई तरह के कैंसर|